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आत्मा का मुल निवास | Native home of the Soul

  इस संसार मे जो भी चिजे हम देखते है या महसुस( feel) करते है वह सभी ऊर्जा( Energy) है या ऊर्जा का एक रूप है और सभी ऊर्जाऐ अपनी पिछली उर्जा से बनी है यानी हर उर्जा का सम्बन्ध उससे पहले वाली उर्जा से है| (उदाहण के तौर पर हमारे घर तक पहुचने वाली बिजली (electricity) जिससे हमारा सारा घर ऊजाला हो जाता है यह निरंतर उर्जा के बदलाव के प्रक्रिया के फलस्वरुप ही प्राप्त होता है|   उसी प्रकार हमने यह जान लिया है कि हम एक उर्जा है और इस उर्जा का नाम आत्मा है  सारी आत्माये इस धरती   पर शरीर धारण कर अपाना अपना कर्म कर रहीं है चूकि आत्मा गर्भ मे छोटा सा  शरीर  धारण कर इस धरती पर बचपन से बुढे अवस्था तक अपना कर्म करती है, और मृत्यु   के पश्चात पुन: अपने मुल अवस्था मे आ जाती है|  हमारे मन मे यह सवाल पैदा होता है कि ये आत्माऐ जन्म से पहले कहाँ से आती है ?   जैसे हम इस  शरीर  के साथ ईंट पत्थर के द्वरा बने हुए घर मे रहते है उसी प्रकार आत्मा अपने मुल स्वरूप मे परम तत्व वाले घर मे रहती है जिसको कई नाम से जाना जाता है जैसे- मोक्षधाम , शांतिधाम , निर्वाणधाम , पर्मात्मा का घर आदि नामो से जाना जाता है जो पुर