सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

god लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

आत्मा मानव शरीर मे कैद है? || Soul trapped in human Body.

 किस प्रकार आत्माओ के लिये मानव शरीर का निर्माण किया गया था Dr. Neruda Fifth interview डॉ. नेरुदा:   “पृथ्वी एक बहुत ही अनोखा ग्रह था और है। यह मूल रूप से पूरी तरह से पानी से बना था। लेकिन जो बात इसे प्राणियों के लिए दिलचस्प बनाती थी, वह यह थी कि इसके कोर में गुरुत्वाकर्षण बल था जो अभिव्यक्ति का समर्थन करता था।” यह तब की बात है जब अटलांटिस ग्रह पर रहते थे। वे पृथ्वी के निर्माण के समय पृथ्वी पर रहने वाले प्राणियों की जाति थे। अनुनाकी उनके पास आए और अनुनाकी को ग्रह के केंद्र के पास एक पदार्थ का खनन करने की अनुमति देने के लिए एक समझौते पर बातचीत की, जो कि - अपने सार में - आज हम सोना कहते हैं। “अटलांटिस और अनुनाकी के रूप में जानी जाने वाली प्राणियों की ये जातियाँ त्रि-आयामी नहीं थीं। उनके पास आज जैसा शरीर नहीं था। उनका अस्तित्व आवृत्तियों की एक अलग श्रेणी में समाहित था - जिसे हम उच्च-आयामी आवृत्तियाँ कहेंगे।” वे पूरी तरह से जैविक थे, लेकिन मानव 1.0 पूरी तरह से भौतिक नहीं थे। वे आंशिक रूप से ईथर थे। आप देखिए, अनुनाकी और सिरियन ने उन्हें पृथ्वी के विकसित होते घनत्व के साथ ...

"परमात्मा " "ईश्वर" " भगवान" "अल्लाह" "ग़ॉड"......... कौन है? [ Who is GOD ?]

हम सब यह जानते है कि हम सब एक आत्मा है हमारा असली स्वरुप एक आत्मा का हि है जो इस पांच तत्वो से बने वाहन रुपी शरीर द्वार आत्मा कर्म करती है और कर्म करने के लिये इंद्रियो का उपयोग करती है/ जब आत्मा शरीर धारण करती है तो अपना एक छोटा सा परिवार भी बनाती है जिसमे उसके अपने बच्चे होते है और ये बच्चे अपने ही माँ-बाप कि तरह होते है किंतु आपस मे गुण व स्वाभाव मे भिन्न होते है , फिर यही क्रम अगली पिढी के साथ भी चलता रहता है और देखते -देखते एक पुरे गाव का निर्माण हो जाता है जो एक ही वंश के होते है/  ठिक इसी प्रकार हम आत्माओ का भी एक पिता है और हम आत्माओ का जन्म भी एक परम आत्मा से हुआ है जो सभी मनुष्य आत्माए एक परम आत्मा कि संतान है जो गुणों मे एक दुसरे से भिन्न – भिन्न है हम सभी आत्माओ के दो पिता है एक परम आत्मा जिसकी सभी आत्माऐ संतान है और दुसरा वो जो हमारे इस पाच तत्व से बने शरीर को जन्म दिया है शरिर को जन्म देने वाले पिता को लौकिक पिता या संसारिक पिता कहते है तथा हम आत्मा को जन्म देने वाले पिता को अलौकिक पिता या परमपिता परमात्मा कहा जाता है/ परम पिता परमात्मा जो सर्वगुण सम्पन्न है ज्योति...