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कुछ होना कुछ नही, पर कुछ ना होना ही सब कुछ है|

“कुछ होना कुछ नही , पर कुछ ना होना ही सब कुछ है”  "Every thing is nothing but  nothing is every thing" जैसे एक बीज अपने आप मे कुछ नही , परंतु जैसे हि उसको जमीन मे बोया जाता है तो सब कुछ हो जाता है और उन सब का उपयोग करते करते आपके पास कुछ नही बचता सिर्फ बीज ही बच जाता है। ठीक इसी तरह  शिव ज्योतिलिंग ( point of light)  ही सब कुछ है ब्रह्मांड ( Universe) कुछ नही ।

आध्यात्मिकता क्या है? | What is spirituality?

                                                                          आध्यात्मिकता क्या है?  What is spirituality? अध्यात्म को समझने से पहले यह समझना आवश्यक है कि अध्यात्म कोई  profession  नही है कि उस क्षेत्र मे कार्य करने के लिये कार्य सिखना पडे ,  अध्यात्म अपने आप से जुडने का दुसरा नाम है   जब हम अध्यात्म कि बात करते है तो भौतिक शरीर के बारे मे बात नही करते उस शरीर मे बैठे आत्मा के बारे मे बात करते है  हम आज के समय मे ऐसे कई लोगो को देखते है जो अध्यत्मिक जीवन (spiritual life) जीते है या उस क्षेत्र मे कार्य करते है , ऐसे लोग जो अध्यत्मिक जीवन या उस क्षेत्र मे कार्य करते है उनका जीवन आम लोगो के जीवन से कुछ अलग होता है , चाहे वह पहनावा हो या बात चित के तरीके हो , यहाँ तक कि उनके भोजन का चुनाव भी आम लोगो से अलग होता है/ अगर हम आम जीवन और अध्यात्मिक जीवन जिने वाले व्यक्तियो मे तुलना करे तो काफी कुछ समानता होने के बावजुद भी उनका व्यक्तित्व अलग दिखाई पड्ता है , इससे हमारे मन मे एक सवाल पैदा होता है कि क्या एसे लोग हमसे अलग है या उनकी सोच अलग है या उनके विचार अलग है , या उनके दुन

हम कौन है? या हमारा अस्तित्व क्या है? | Who we are? or What are our existence?

                                                                                  हम कौन है? Who we are? यह अपने आपमे एक बहुत बडा सवाल है कि हम कौन है ..?किंतु विज्ञान और अध्यात्म के खोज के आधार पर कुछ बातो का स्पषटीकरण हो पाया है/ वैज्ञानिको के खोज के आधर पर मनुष्यों की उत्पत्ति आज से लाखो वर्ष पहले हुआ है, उस समय मनुष्य  कच्चा मांस खाता और जंंगलो मे रहता था और समय के साथ उसमे परिवर्तन आता गया और उसके रहने, खाने एवं जीवन जीने के तरीके मे बदलाव आता गया जैसा आज हम मनुष्यों को देख रहे है ,परंतु यह जानना  जितना आवश्यक है की मनुष्यों की उतपत्ति कैसे हुई उससे कही ज्यादा आवश्यक हम अपने बारे मे कितना जानते है, हम अभी तक समाय के साथ स्वंय को परिवर्तन किया है या समय ने हमे परिवर्तन किया है.....??? अगर हम पुरे ब्रम्हॉड(Universe) मे उपस्थित छोटे कण से लेकर बडे ग्रह, तारे, गेलैक्सि या समस्ता उर्जा कि बात करे तो हर चीज कि उत्पत्ति बिग बैंग से हुआ है यानि हम मनुष्य भी बिग बैंग का ही एक हिस्सा है/ब्रम्हांड कि हर वस्तु  जो हम देखते है जैसे  पत्थर,सोना , हिरा, मकान, वाहन या ऐसी चीज जिसको हम  देख नही